रानी रूपमती महल- मांडू

सुल्तान बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रूपमती का किला है। यहां के झरोखे से रानी रूपमती नर्मदा के दर्शन करती थी उसके बाद ही अन्न ग्रहण करती थी। रानी रूपमती की रक्षा के लिए राजा बाजबहादुर ने पहले अपना महल बनवाया था उसके बाद रूपमती का।

भव्य जहाज महल – मांडू
यह महल दो झीलों का पुर तालाब और मुंज तालाब के बीच बना हुआ है जो देखने में जहाज के जैसा दिखता है। इस महल को खिजली राजवंश के घिया – उद – दीन खिजली के द्वारा बनवाया गया था। यह महल व्‍याभिचारी राजा की कई बीबियों का निवास स्‍थान था। … यहां से झील का मनोरम दृश्‍य और आसपास बने हुए गार्डन का नजारा बेहद दिलकश होता है।

अनोखा हिंडोला महल (स्विंगिंग पैलेस)
हिंडोला महल के निर्माण को करने वाले लोगों ने ही वारंगल के क़िले को इसकी प्रतिकृति के रूप में बनवाया था। मालवा शैली की वास्तुकला वाले इस महल में बाहरी दीवारें 77 डिग्री के कोण पर झुकी हुई हैं, जिसके कारण इसे हिंडोला महल कहा जाता है।

बाज बहादुर का महल सुंदर मेहराबों और एक सुंदर प्रांगण से सुसज्जित है। यहाँ से, आप आसपास के ग्रामीण इलाकों की प्रशंसा कर सकते हैं और पहाड़ी पर रूपमती मंडप की एक झलक देख सकते हैं।

रेवा कुंड, मांडू. रेवा कुंड अवलोकन; फोटो; आकर्षण. रेवा कुंड एक अन्‍य स्‍मारक है जो बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम कहानियों को समर्पित है। रेवा कुंड एक कृत्रिम झील है जिसे बाज बहादुर ने रूपमती मंडप में पानी की आपूर्ति के लिए बनवाया था।

हमाम घर मांडू. हमाम जिसका अर्थ है “स्नान का स्थान” जो की फारसी शब्द से लिया गया है। इसका निर्माण गया शाह खिलजी ने उन महिलाओं के लिए किया … इसमें तीन कमरे शामिल थे जिनमें से दो अभी भी पूरे हैं और एक नष्ट हो गया है।

नीलकंठ महादेव मंदिर-मांडू
नीलकंठ महल एक घाटी को देख रहा है और हम उस स्थान तक पहुंचने के लिए सीढि़यों से नीचे उतर गए। नीलकंठ महादेव मंदिर एक शिवलिंग के साथ है जिसे कुछ कदमों की दूरी पर रखा गया है और ऊपर से पानी का एक प्राकृतिक झरना है जो शिवलिंग का अभिषेकम कर रहा है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, पत्ती को पानी के सर्पिल में रखा है और इसके माध्यम से चक्कर लगाया है – यह दर्शाता है कि आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी। इस तरह के दुर्लभ मंदिरों के दर्शन करने में सक्षम होना अपने आप में एक वरदान है। मांडू में अवश्य जाना चाहिए।

मांडू कैसे पहुंचे?
वायु मार्ग द्वारा: इसका हवाई अड्डा निश्चित रूप से इंदौर में है जो कि लगभग 99 किमी दूर है। यहां पर इंदौर, दिल्ली, मुंबई, ग्वालियर के साथ-साथ भोपाल जैसे शहरों से फ्लाइटें आती हैं। रेल मार्ग द्वारा: इसका नजदीकी रेलवे स्‍टेशन मोटका है। सड़क मार्ग से भी जाया जा सकता है